पहाड

पहाड
पहाड देते हैं हमें सदैव प्रेरणा
सदा खडे रहो स्वाभिमान से
आत्मविष्वास से लबरेज खडे
हवा टकरायें या तुफान आये
बिजली गिरे या भूकम्प आये
सदा पेड-पौधांै को गले लगाये
पहाड सी मुसिबतों का झेलते
फिर भी खोद दिये जाते वे
मात्र बजरी,मिटी-पत्थर हेतु
फिर भी खडे निस्तब्ध हमेषा
झेलते हैं प्राकृतिक आपदायें
मानव निर्मित अनेक विपदायें।


परन्तु जब पहाड अषान्त होगा
 गरज कर टूट पडेगा जमीं पर
तोड देगा सपनों का संसार सारा
और तुम देखते रह जाओगे नजारा
परन्तु पहाड की अटलता की तरह
हमेषा अटल रहा हमारा विष्वास
 पहाड को गिरने उजडने मत दो
पहाड को हमेषा पहाड रहने दो।